
अगर आपका या आपके माता-पिता का CIBIL स्कोर कम है और आप एजुकेशन लोन लेने की सोच रहे हैं, तो अब घबराने की जरूरत नहीं है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है, जिसमें कहा गया है कि सिर्फ CIBIL स्कोर के आधार पर किसी भी छात्र को एजुकेशन लोन देने से इनकार नहीं किया जा सकता। यह फैसला उन छात्रों के लिए बहुत फायदेमंद है जो सिर्फ खराब क्रेडिट स्कोर की वजह से अपनी पढ़ाई नहीं कर पा रहे थे।
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CIBIL स्कोर क्या होता है?
CIBIL स्कोर एक तरह का क्रेडिट स्कोर होता है, जो यह दिखाता है कि कोई व्यक्ति या क्रेडिट कार्ड की रकम समय पर रहा है या नहीं। यह स्कोर 300 से 900 के बीच होता है:
700 या उससे अधिक स्कोर को अच्छा माना जाता है
600 से कम स्कोर को खराब समझा जाता है
बैंक या वित्तीय संस्थाएं किसी भी लोन को मंजूरी देने से पहले इसी स्कोर को चेक करती हैं।
अगर आपका CIBIL स्कोर खराब है और आप लोन या क्रेडिट कार्ड की उम्मीद लगाए बैठे हैं, तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। हाल ही में बैंकों और वित्तीय संस्थानों को लेकर एक बड़ा फैसला लिया गया है, जो खराब CIBIL स्कोर वालों के लिए राहत की उम्मीदों पर पानी फेर सकता है। चलिए जानते हैं पूरा मामला और इसका असर क्या होगा।
CIBIL स्कोर कैसे खराब होता है?
अगर आप समय पर EMI नहीं भरते, क्रेडिट कार्ड का भुगतान देर से करते हैं, या बहुत अधिक क्रेडिट लिमिट का उपयोग करते हैं, तो आपका CIBIL स्कोर नीचे चला जाता है। इससे अगला लोन लेना बहत मुश्किल हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला
- सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि एजुकेशन लोन का उद्देश्य छात्रों को शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता देना है, न कि उन्हें उनके माता-पिता के खराब स्कोर की वजह से वंचित करना। इसलिए:
- सिर्फ खराब CIBIL स्कोर के कारण लोन से इनकार नहीं किया जा सकता
- बैंकों को लोन आवेदन को संवेदनशीलता से देखना होगा
- छात्रों की शैक्षणिक योग्यता और भविष्य की संभावनाओं को भी ध्यान में रखना जरूरी है
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यह फैसला क्यों जरूरी है?
भारत में हजारों छात्र ऐसे हैं जो पढ़ना तो चाहते हैं, लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण एजुकेशन लोन लेने के लिए आवेदन करते हैं। लेकिन जब माता-पिता का CIBIL स्कोर खराब होता है, तो बैंक तुरंत लोन देने से मना कर देते हैं।
अब इस फैसले के बाद:
- छात्रों को लोन मिलने की संभावना बढ़ेगी
- पढ़ाई में रुकावट नहीं आएगी
- आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के छात्र भी उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकेंग
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बैंकों को अब क्या करना होगा?
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, अब बैंकों को लोन आवेदन करते समय सिर्फ CIBIL स्कोर नहीं देखना होगा, बल्किः
- छात्र की पढ़ाई की योग्यता और रिजल्ट
- कोर्स पूरा होने के बाद रोजगार की संभावना
- परिवार की वर्तमान आर्थिक स्थिति
इन सभी बातों को ध्यान में रखकर लोन देना होगा।
CIBIL स्कोर कैसे सुधारें?
अगर आपका स्कोर खराब है, तो आप कुछ आसान तरीकों से इसे सुधार सकते हैं:
- सभी EMI और क्रेडिट कार्ड भुगतान समय पर करें
- क्रेडिट लिमिट का 30% से ज्यादा इस्तेमाल न करें
- पुराने लोन जल्दी चुकाएं
- बार-बार नए लोन के लिए आवेदन न करे
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क्या यह फैसला सिर्फ एजुकेशन लोन पर लागू होता है?
फिलहाल, यह फैसला केवल एजुकेशन लोन पर लागू होता है। लेकिन भविष्य में यह एक मिसाल बन सकता है, जिससे होम लोन, पर्सनल लोन और कार लोन जैसे मामलों में भी इसी तरह के फैसले आ सकते हैं।
बैंकों के लिए क्यों है यह फैसला झटका?
बैंकों के लिए यह फैसला इसलिए बड़ा झटका है क्योंकि:
खराब स्कोर वालों को लोन देने से बैंकों को ब्याज में ज्यादा मुनाफा होता था।
अब उन्हें ऐसे ग्राहकों को नजरअंदाज करना पड़ेगा, जिससे उनका संभावित रेवेन्यू घट सकता है।
जोखिम मूल्यांकन और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में अब अधिक खर्च और समय लगेगा।
आम जनता पर क्या असर पड़ेगा?
लोन अप्रूवल में देरी:
खराब स्कोर वालों को लोन मिलने में ज्यादा समय और पेचीदगियों का सामना करना पड़ेगा।
उच्च ब्याज दरें:
जिनका स्कोर कम है, उन्हें लोन मिल भी गया तो ब्याज दरें काफी ज्यादा होंगी।
क्रेडिट कार्ड की दिक्कतें:
कम स्कोर वाले यूजर्स को अब प्री-अप्रूव्ड कार्ड ऑफर कम मिलेंगे।
निष्कर्ष
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला उन छात्रों के लिए एक बड़ी राहत है जो पढ़ाई करना चाहते हैं लेकिन खराब CIBIL स्कोर की से लोन नहीं ले पा रहे थे। अब बैंकों का संवेदनशीलता और मानवता के आधार पर लोन देने का निर्णय लेना होगा। अगर आप भी एजुकेशन लोन के लिए आवेदन करना चाहते हैं, तो अब आपके पास एक बेहतर मौका है