भारत में धार्मिक और आध्यात्मिक त्योहारों की श्रृंखला अनंत है, और इनमें निर्जला एकादशी एक विशेष स्थान रखती है। यह व्रत विशेष रूप से विष्णु भक्तों के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है। वर्ष 2025 में निर्जला एकादशी का शुभ अवसर 10 जून 2025 (मंगलवार) को आ रहा है। इस दिन खाटू श्याम जी के दरबार में लाखों श्रद्धालु अपनी श्रद्धा और भक्ति के साथ हाज़िरी लगाते हैं।

अगर आप जीवन में एक विशेष आध्यात्मिक अनुभव की तलाश में हैं, तो जून 2025 की निर्जला ग्यारस पर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू श्याम जी मंदिर की यात्रा अवश्य करें।
खाटू श्याम जी कौन हैं?
खाटू श्याम जी को महाभारत के वीर योद्धा बर्बरीक का अवतार माना जाता है। बर्बरीक श्रीकृष्ण के परम भक्त थे, और उन्होंने कुरुक्षेत्र युद्ध में भाग लेने की इच्छा व्यक्त की थी। भगवान श्रीकृष्ण ने उनकी परीक्षा ली और अंत में उनका सिर मांग लिया। बर्बरीक ने अपना सिर खुशी-खुशी अर्पित कर । इस अद्वितीय बलिदान से प्रसन्न होकर श्रीकृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कि कलयुग में उनकी पूजा श्याम नाम से की जाएगी।
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निर्जला एकादशी का महत्त्व
निर्जला एकादशी का व्रत साल की सभी 24 एकादशियों का फल देने वाला माना जाता है। इस दिन व्रती पूरे दिन बिना अन्न और जल के रहते हैं और श्रीहरि विष्णु की आराधना करते हैं। यह व्रत कठिन जरूर है, लेकिन इसके पुण्य की कोई सीमा नहीं होती। यही कारण है कि इस दिन खाटू श्याम जी के मंदिर में अपार भीड़ उमड़ती है।
खाटू श्याम जी मंदिर यात्रा का विशेष महत्त्व
खाटू श्याम जी मंदिर में निर्जला एकादशी के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर को विशेष रूप से सजाया जाता है, भजन-कीर्तन होते हैं, और पूरे क्षेत्र में एक अलौकिक ऊर्जा का संचार होता है।
कुछ प्रमुख विशेषताएँ इस दिन की यात्रा की:
विशेष श्रृंगार
मंदिर में इस दिन श्याम बाबा का विशेष श्रृंगार किया जाता है, जिसे देखकर श्रद्धालु भाव-विभोर हो जाते हैं।
भव्य झांकी और भजन संध्या
मंदिर परिसर और आसपास भजन मंडलियाँ झांकियाँ निकालती हैं और पूरे वातावरण को भक्तिमय बना देती हैं।
पदयात्रा का आयोजन
देशभर से श्रद्धालु पदयात्रा करके खाटू नगरी पहुंचते हैं, विशेषकर दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश से।
विशेष प्रसाद वितरण
मंदिर प्रबंधन और भक्तगण विशेष भंडारे का आयोजन करते हैं, जिसमें हजारों लोगों को निःशुल्क प्रसाद मिलता है।
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कैसे पहुंचें खाटू श्याम जी मंदिर
- रेल मार्ग –
खाटू श्याम जी के निकटतम रेलवे स्टेशन रिंगस जंक्शन (Ringas Junction) है, जो लगभग 17 किलोमीटर दूर है। वहां से बस या टैक्सी द्वारा मंदिर तक पहुँचा जा सकता है
- सड़क मार्ग. –
जयपुर, दिल्ली, बीकानेर, जोधपुर, अजमेर आदि शहरों से बस और टैक्सी की सुविधा उपलब्ध है।
- हवाई मार्ग
निकटतम हवाई अड्डा जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, जो लगभग 80 किलोमीटर दूर है।
यात्रा की तैयारी कैसे करें
1 ) रहने की व्यवस्था
जून माह में भीड़ अधिक रहती है, इसलिए होटल या धर्मशाला पहले से बुक कर लें।
2 ) सामग्री साथ रखें
व्रत के अनुसार सामग्री (फल, पूजा की वस्तुएं, जल आदि) अपने साथ रखें।
3 ) भक्तिमय मनोदशा बनाए रखें
यह यात्रा केवल दर्शनों के लिए नहीं, बल्कि आत्मिक शांति के लिए भी होती है।
4 ) स्वास्थ्य का ध्यान रखें:
निर्जला व्रत कठिन हो सकता है, इसलिए यदि स्वास्थ्य अनुमति न दे, तो जल आदि लेकर व्रत करें।
2025 में खाटू श्याम जी की यात्रा क्यों विशेष है?
“निर्जला एकादशी और मंगल योग का अद्भुत संयोग है।“
गर्मी की छुट्टियाँ होने के कारण अधिक भक्त इस बार यात्रा कर सकेंगे।
मंदिर ट्रस्ट द्वारा सुविधाओं में वृद्धि की गई है – जैसे स्वास्थ्य केंद्र, पेयजल स्टॉल, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट आदि।
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अनुभव करें आध्यात्मिकता की चरम सीमा
जब आप श्याम बाबा के दरबार में प्रवेश करते हैं, तो आपके भीतर एक अलौकिक शांति उतरती है। भजन की धुन, भक्तों की जयकार, घंटियों की आवाज़ और श्री श्याम के दर्शन – यह सब मिलकर एक ऐसा अनुभव देते हैं जिसे शब्दों में बयान करना कठिन है।
निष्कर्ष
अगर आपने अभी तक खाटू श्याम जी के दर्शन नहीं किए हैं, तो जून 2025 की निर्जला एकादशी आपके लिए सुनहरा अवसर है। न केवल व्रत का पुण्य मिलेगा, बल्कि बाबा श्याम की कृपा से जीवन की परेशानियाँ भी दूर होंगी। इस बार अपने परिवार के साथ इस पावन यात्रा की योजना बनाएं और जीवन में भक्ति, शांति और विश्वास का अनुभव करें।