
खाटू श्याम जी मंदिर यात्रा में इन 8 जरूरी कार्यों को जरूर करें। जानिए खाटू धाम की खास परंपराएँ और कैसे मिलेगा ‘हारे के सहारे’ का साथ।
कोन है खाटू श्याम जी
खाटू श्याम जी की कथा महाभारत युद्ध से जुड़ी हुई है। असल में भीम के पौत्र और घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक हैं। कई मान्यताओं के अनुसार उन्हें भगवान कृष्ण का कलयुगी अवतार भी माना जाता है। कथा के अनुसार, बर्बरीक भी महाभारत के युद्ध में भाग लेना चाहते थे। तब उनकी माता ने उन्हें यह कहते हुए युद्ध में जाने की अनुमति दी कि, तुम हारे का सहारा बनना।
भगवान श्रीकृष्ण ने दिया वरदान
भगवान श्रीकृष्ण जानते थे कि बर्बरीक जिस तरफ से युद्ध लड़ेंगे वही पक्ष युद्ध जीत जाएगा। वहीं कौरव हारने की स्थिति में थे। इसलिए भगवान कृष्ण ने एक ब्राह्मण का रूप धारण कर बर्बरीक से उनका शीश, दान के रूप में मांग लिया। बाद में बर्बरीक जी का बलिदान देखकर भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें कलयुग में स्वयं के नाम से पूजे जाने का आशीर्वाद दिया। इसलिए आज बर्बरीक जी, खाटू श्याम के नाम से प्रसिद्ध हैं।
किस दिन करने चाहिए दर्शन
वैसे तो खाटू श्याम जी के दर्शन कभी भी किए जा सकते हैं। लेकिन मान्यताओं के अनुसार, एकादशी तिथि पर विशेषकर फाल्गुन माह की शक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर खाटू श्याम जी के दर्शन का विशेष फल प्राप्त होता है। माना जाता है कि इस दिन बाबा खाटू श्याम आपकी मनोकामना को जल्द पूरा करते हैं। वहीं कई भक्त द्वादशी के दिन भी खाटू श्याम जी के दर्शन करना शुभ मानते हैं।
राजस्थान के सीकर में स्थित खाटू श्याम मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। बाबा खाटू श्याम जी को हारे का सहारा माना जाता है। मान्यता है कि जो भी भक्त पूरी श्रद्धा के साथ खाटू श्याम जी के दरबार में अरदास लगाता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। तो चलिए जानते हैं खाटू श्याम जी को अरदास लगाने का तरीका।
- राजस्थान के स्थित है खाटू श्याम जी का मंदिर।
- खाटू श्याम जी बनते हैं हारे का सहारा।
- दूर-दूर से अरदास लगाने आते हैं भक्त।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। खाटू श्याम जी को हारे का सहारा, तीन बाण धारी और शीश का दानी आदि कई नामों से जाना जाता है। कहा जाता है कि खाटू श्याम जी हारे कासहारा बनाते हैं और अपने भक्तो को सभी संकंटों से उबारते हैं।
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असल में खाटू श्याम जी भीम के पौते और घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक हैं, जिनका जिक्र महाभारत युद्ध के दौरान मिलता है। ऐसे में अगर आप भी सीकर स्थित खाटू श्याम जी के मंदिर जाने का प्लान बना रहे हैं, तो ये काम जरूर करें, ताकि आपको खाटू नरेश की कृपा मिल सके।
मिला था ये आशीर्वाद
बर्बरीक को अपने शीश का दान करने पर भगवान श्रीकृष्ण ने यह आशीर्वाद दिया था कि कलयुग में तुम्हें मेरे नाम से ही पूजा जाएगा और प्रसिद्धि मिलेगी। इसलिए आज हम सभी उन्हें खाटू श्याम (Baba Khatu Shyam) नाम से जानते हैं।
इस तरह लगाएं अरदास
सबसे पहले बाबा के चरणों में अपनी अरदास या अर्जी लगाने के लिए आप एक लाल रंग का पैन सूखा नारियल और एक लाल रंग का धागा खरीद लें। इसके बाद अपने घर में पूजा स्थान पर बैठकर लाल पैन से एक नए पेज पर अपनी मनोकामना लिख दें।
इसके बाद इच्छा लिखे हुए इस पेज को मोड़कर अपनी श्रद्धा अनुसार दक्षिणा रखें। इसके बाद पेज और दक्षिणा के साथ नारियल को भी लाल धागे से बांध दें। अब अपनी अरदास को बाबा खाटू श्याम जी के मंदिर में अर्पित कर दें और उसके पूरे होने की कामना करें।
ध्यान रखें ये बातें
अपनी मनोकामना लिखते समय इस बात का ध्यान रखें, कि एक बार में एक ही इच्छा लिखनी है। साथ ही कोई ऐसी मनोकामना भी न लिखें, जिसके पूरे होने की संभावना न हो न फिर जिसमें किसी का अहित छुपा हो। बाबा के चरणों में हमेशा साफ मन से अरदास लगाएं और पूरा विश्वास रखें।
कर सकते हैं ये काम
अगर आप किसी वजह से खाटू श्याम जी के मंदिर नहीं जा पा रहे हैं, तो ऐसी स्थिति में अपने घर पर ही अरदास लगा सकते हैं। इसके लिए बाबा खाटू श्याम की मूर्ति या तस्वीर के सामने अपनी अर्जी चढ़ाएं और सच्चे मन से खाटू बाबा के सामने अपनी मनोकामना पूरी होने के लिए प्रार्थना करें।
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1. प्रातःकालीन दर्शन अवश्य करें
खाटू श्याम जी के दर्शन के लिए सुबह का समय सबसे शुभ माना जाता है। इस समय मंदिर का वातावरण अत्यंत शांत और आध्यात्मिक होता है। यदि संभव हो तो मंगला आरती में शामिल हों।
2. श्याम बाबा को फूलों की चादर चढ़ाएं
खाटू धाम में बाबा श्याम को फूलों की चादर चढ़ाने की विशेष परंपरा है। श्रद्धालु अपने नाम से फूलों की चादर चढ़ाकर बाबा से अपनी मनोकामना पूर्ण होने की प्रार्थना करते हैं।
3. खाटू कुंड में स्नान करें
मंदिर परिसर के पास स्थित खाटू कुंड को बहुत ही पवित्र माना जाता है। यहां स्नान करने से मन, शरीर और आत्मा की शुद्धि होती है और पूर्व जन्मों के पाप भी कटते हैं।
4. प्रसाद चढ़ाकर भोग लगाएं
श्याम बाबा को खीर, चूरमा, घेवर, मावा आदि का भोग लगाया जाता है। अपनी क्षमता अनुसार भोग लगाकर उसे भक्तों में प्रसाद रूप में बांटें।
5. श्याम बाबा के नाम का संकीर्तन करें
खाटू श्याम जी की महिमा का गुणगान करना और उनके नाम का संकीर्तन करना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है। “श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम…” जैसे भजनों से वातावरण भक्तिमय हो उठता है।
6. सच्चे मन से प्रार्थना करें
खाटू श्याम बाबा के दर्शन मात्र से मन को शांति मिलती है, लेकिन यदि आप सच्चे दिल से अपनी समस्याओं का समाधान चाहते हैं, तो सच्ची श्रद्धा और समर्पण के साथ प्रार्थना करें।
7. सेवा कार्य में भाग लें
मंदिर में भोजन प्रसादी वितरण, साफ-सफाई, जूता घर सेवा जैसे अनेक कार्य होते हैं जिनमें आप भाग लेकर पुण्य कमा सकते हैं। बाबा की सेवा में किया गया हर कार्य आपको आध्यात्मिक लाभ देता है।
8. खाटू श्याम की कथा और इतिहास को जानें
खाटू श्याम जी को महाभारत के वीर बार्बरिक का अवतार माना जाता है। उनकी कहानी जानने से भक्ति और भी गहरी होती है। कथा सुनने से श्रद्धालु का मन बाबा से जुड़ता है।
अस्वीकरण:
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